कादर खान का जीवन परिचय, पारिवारिक पृष्ठभूमि और बॉलीवुड सफलता(Biography of Kader Khan)
कादर खान का संक्षिप्त परिचय (Brief Introduction of Kader Khan)
कादर खान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसी शख्सियत का नाम है जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को बहुत ही सफल फिल्में, अभिनेता और डायलॉग्स दिए हैं। कादर खान ने अपने जीवन में 300 से अधिक फिल्मों में काम किया। वर्ष 1970 से 1999 तक है लगभग 200 फिल्मों में डायलॉग्स लिख चुके थे। कादर खान एक बेहतरीन अभिनेता होने के साथ-साथ स्क्रीन्राइटर हास्य कलाकार और फिल्म निर्देशक भी थे। कादर खान की पारिवारिक पृष्ठभूमि मूल रूप से अफगानिस्तान के काबुल शहर की है। कादर खान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने किए गए योगदान के लिए बहुत से अवार्ड और सम्मान प्राप्त कर चुके। वर्ष 2018 में एक बीमारी के चलते उनका देहांत हो गया था।
कादर खान का जीवन परिचय और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि।(Biography of Kader Khan and his family background.)
कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर 1937 को अफगानिस्तान के काबुल शहर में हुआ। इनके पिता का नाम अब्दुल रहमान खान था जो कि अफगानिस्तान के कंधार से संबंध रखते थे जबकि इनकी माता का नाम इकबाल बेगम था जो कि ब्रिटिश इंडिया के समय बलूचिस्तान की रहने वाली थी। मूल रूप से उनका संबंध प्रश्नों के काकर समुदाय से है। कादर खान की भाई है। कादर खान के बचपन में ही इनके माता-पिता वर्ष 1947 के बंटवारे के पश्चात मुंबई महाराष्ट्र में स्थानांतरित हो गए थे। कादर खान का पूरा बचपन मुंबई से सटे कमाठीपुरा क्षेत्र में ही बीता।
कादर खान की शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification of Kader Khan)
कादर खान की पुरानी पिक्चर नगरपालिका के सरकारी स्कूल से हुई। इसके पश्चात उच्च शिक्षा के लिए उनका दाखिला इस्माईल युसूफ कॉलेज में करवा दिया गया। यहीं से उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात उन्होंने वर्ष 1970 से 1975 के बीच में एमएच सबू सिद्दिक कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग बायकोला में प्राध्यापक के तौर पर काम किया।
कादर खान की व्यक्तिगत जानकारी (Personal Information of Kader Khan)
वास्तविक नाम | कादर खान |
कादर खान का उपनाम | कादर भाई |
कादर खान का जन्मदिन | 22 अक्टूबर 1937 |
कादर खान का जन्म स्थान | काबुल अफ़गानिस्तान |
कादर खान का मूल निवास स्थान | मुंबई महाराष्ट्र भारत |
कादर खान की राष्ट्रीयता | भारतीय |
फादर खान की आयु | 81 वर्ष |
कादर खान की शैक्षणिक योग्यता | स्नातक डिग्री और सिविल इंजीनियरिंग में परास्नातक |
कादर खान के स्कूल का नाम | नगरपालिका का सरकारी स्कूल मुंबई महाराष्ट्र भारत |
कादर खान के कॉलेज का नाम | इस्माईल युसूफ कॉलेज मुंबई भारत |
कादर खान का व्यवसाय | अभिनेता, स्क्रिप्ट राइटर, लेखक और फिल्म निर्देशक, हास्य कलाकार |
कादर खान की कुल संपत्ति | लगभग 100 करोड़ रुपए |
कादर खान की वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
कादर खान की वैवाहिक तिथि | 1970 |
कादर खान की मृत्यु तिथि | 31 दिसंबर 2018 |
कादर खान का मृत्यु स्थान | टोरंटो, ओंटारियो – कनाडा |
कादर खान की शारीरिक संरचना (body structure of Kader Khan)
कादर खान की लंबाई | 5 फुट 8 इंच |
कादर खान का वज़न | 92 किलोग्राम |
कादर खान का शारीरिक माप | छाती 42 इंच, कमर 38 इंच, बायसैप्स 13 इंच |
कादर खान की आंखों का रंग | गहराभूरा |
कादर खान के बालों का रंग | काला |
कादर खान का परिवार (Kader Khan family)
कादर खान के पिता का नाम | अब्दुल रहमान खान |
कादर खान की माता का नाम | इकबाल बेगम |
कादर खान के भाइयों का नाम | शम्स-उर्र-रहमान, फ़ज़ल रहमान, हबीब-उर्र-रहमान |
कादर खान की पत्नी का नाम | हाजरा खान |
कादर खान के बेटों का नाम | कुद्दूस ख़ान, सरफराज़ खान, शाहनवाज़ ख़ान |
कादर खान का बतौर अभिनेता हिंदी फिल्मों में पदार्पण (Kader Khan’s debut in Hindi films as an actor)
एक बार जब यह ताश के पत्ते नाटक का मंचन कर रहे थे तब एक कॉमेडियन आग़ा की नज़र इन पर पड़ी और उन्होंने दिलीप कुमार से इनका नाटक देखने का आग्रह किया | दिलीप कुमार को इनका अभिनय इतना पसंद आया कि उन्होंने तभी इन्हें अपनी दो फिल्मों सगीना और बैराग में काम करने के लिए साइन कर लिया | कादर खान ने वर्ष 1973 में आई दाग़ फिल्म से हिंदी फिल्मों में पदार्पण किया | इस फिल्म के मुख्य अभिनेता राजेश खन्ना थे | कादर खान ने अपने फ़िल्मी करिअर के दौरान लगभग 300 फिल्मों में बतौर अभिनेता काम किया और वर्ष 1970 से लगभग 250 फिल्मों में बतौर डायलॉग राइटर काम किया |
इन्होने अपने फ़िल्मी कैरियर में लगभग सभी बड़े अभिनेताओं, निर्माताओं और निर्देशकों के साथ काम किया जैसे की अमिताभ बच्चन,राजेश खन्ना, जीतेन्द्र , फ़िरोज़ खान, मिथुन चक्रवर्ती , अनिल कपूर, गोविंदा, सलमान खान आदि |
हिंदी हास्यमय फिल्मों में उनके साथ असरानी, शक्ति कपूर, जोहनी लीवर की जोड़ी को खूब सराहा गया | इन्होंने बहुत सी फिल्मों में अमरीश पूरी, प्रेम चोपड़ा, अमजद खान, अनुपम खेर के साथ सहकलाकार के तौर पर भी काम किया | इन्होने अपने फ़िल्मी करियर के दौरान लगभग सभी तरह के किरदार निभाए जैसे कि – हास्य, एक्शन, रोमांस, पारिवारिक ड्रामा , सामाजिक और राजनैतिक भी |
पहले तो इनको फिल्मों में बहुत छोटे रोल ही करने के लिए मिलते थे परन्तु वर्ष 1984 से इन्हेंने कईं सुपर हिट फिल्मों में लम्बे और महत्वपूर्ण रोल भी मिलने लगे जैसे कि मास्टर जी, धर्म अधिकारी, निशात , खुदगर्ज़, शेरनी, सोने पे सुहागा, खून भरी मांग, वर्दी, बीवी हो तो ऐसी , घर हो तो ऐसा , हम हैं कमाल के , बाप नम्बरी बीटा दस नम्बरी आदि|
बतौर स्क्रीनराईटर कादर खान का हिंदी फिल्मों में योगदान (Kader Khan’s contribution to Hindi films as a screenwriter)
राजेश खन्ना के आग्रह पर मनमोहन देसाई ने रोटी फिल्म के डायलॉग लिखने के लिए उनको 1 लाख 21 हज़ार रूपए दिए | इस फिल्म के निर्माता राजेश खन्ना स्वयं थे| इसके बाद इन्होने राजेश खन्ना के लिए और भी कईं फिल्मों के लिए डॉयलोग्स लिखे जैसे कि – महा चोर, छैला बाबू, धर्म काँटा , नया क़दम आदि | इसके बाद उनको कईं फिल्म निर्माताओं के भी प्रस्ताव आने लगे| उन्होंने और फिल्मों के लिए डॉयलोग्स लिखे जैसे कि हिम्मतवाला , जानिदोस्त, सरफ़रोश, जस्टिस चौधरी, फ़र्ज़ और क़ानून, तोहफा, जीओ और जीने दो आदि |
वर्ष 1980 से वर्ष 1990 तक उन्होंने कईं सुपर हिट फिल्मों के लिए डॉयलोग्स लिखे, जिनमे इनके काम को खूब सराहा गया जैसे कि मेरी आवाज़ सुनो , अंगार , जेल यात्रा , सत्ते पे सत्ता , कातिलों के कातिल , वक़्त की आवाज़ , कुली न. 1 , मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी , कानून अपना अपना , सल्तनत , बाप नम्बरी बीटा दस नम्बरी , हमशक्ल , साजन चले ससुराल, हीरो हिंदुस्तानी , आंटी न. 1 , आदि
कादर खान की मृत्यु (Kader Khan’s death)
कादर खान को स्वास्थय कारणों से टोरंटो कनाडा में स्थानांतरित होना पड़ा था मगर उससे पहले तक वह मुंबई में ही रहा करते थे | उनको सुपरन्युक्लेअर पाल्सी नामक बिमारी हो गई थी | जिसके कारण उनको सांस लेने में अत्यंत कठिनाई का सामना करना पड़ता था | 31 दिसंबर 2018 को उनका टोरंटो कनाडा में ही देहांत हो गया |
कादर खान के अवार्ड और सम्मान (Kader Khan’s Awards and Honors)
वर्ष 1982 सर्वश्रेष्ठ डायलॉग फिल्मफेयर अवार्ड फिल्म मेरी आवाज़ सुनो
वर्ष 1991 सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार फिल्मफेयर अवार्ड फिल्म बाप नम्बरी बेटा दस नम्बरी
वर्ष 1993 सर्वश्रेष्ठ डायलॉग फिल्मफेयर अवार्ड फिल्म अंगार
वर्ष 2013 हिंदी सिनेमा में इनके योगदान के लिए साहित्य शिरोमणि पुरूस्कार
वर्ष 2019 भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत पद्मश्री पुरूस्कार